Search
Close this search box.

“रक्षा में संविधान की” – सूरज कुमार बौद्ध

रक्षा में संविधान की

सूरज कुमार बौद्ध

संविधान!महज एक किताब नहीं ये हर शोषित का गर्जन है, राष्ट्र निर्माण का दर्शन है। जो हम अर्जकों की पहचान स्थापित करता है मान-सम्मान के साथ।

न डरना है न झुकना है,
बस आगे बढ़ते रहना है।
जल जंगल जमीन को रक्षित कर
पूर्वजों के खून पसीने से सने हुए
संघर्षों की विरासत है संविधान।

श्रमण संस्कृति पुराधाओं के सपनों व उम्मीदों के निर्माता बाबासाहेब का जयघोष है संविधान। न जाने कितने लोग मारे गए ये ख्वाब देखने पर, लाखों शहादत का अनकहा मोल है संविधान। मूक कौम की जुबान है संविधान।

अगर संघर्ष ही विकल्प है
तो हमारा भी ये संकल्प है:
रक्षा में संविधान की,
लगा दो बाजी जान की।

सूरज कुमार बौद्ध

Related Posts

Tamil Nadu: १9-Year-Old Bride killed by Own Kin for marrying a Dalit man
News

In a heart-wrenching incident in Thanjavur, a 19-year-old woman lost her life in an alleged Honor killing, perpetrated by her

Comments

Stay in the loop