Raj Thackeray Blames Migrant Labourers for Mumbai’s Drainage problems
Maharashtra Navnirman Sena (MNS) chief Raj Thackeray criticized migrant Labourers for the poor condition of drains and rivers in Mumbai, accusing them of illegally settling
80% of World’s Largest Companies Fail to Cut Emissions, Risking Catastrophic Climate Change, Report Finds
A recent report from ESG Book reveals that the vast majority of the world’s biggest companies have made little progress in reducing their planet-heating emissions
Dalit Families in UP Village paste Handwritten poster, after harassment by BJP leader, fearing Forced Eviction
In yet another case of caste atrocity, around 18-20 members of four Dalit families in Devrala village, Bulandshahr district, Uttar Pradesh, have alleged that they
यूपीः भाजपा नेता के उत्पीड़न से तंग आकर दलित परिवार ने चिपकाया पोस्टर, बताया डर के साये में जी रहे हैं
जातिगत अत्याचार के एक अन्य मामले में, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के देवराला गाँव में चार दलित परिवारों के लगभग 18-20 सदस्यों ने दावा किया है कि अरनिया ब्लॉक के एक भाजपा प्रमुख द्वारा लगातार उत्पीड़न के कारण उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लगाए गए पोस्टरों को बार-बार हटाया जिससे उनकी बात सामने ना आ सके. यह घटना 14 मई की शाम को हुई जब पीड़ित अछन कुमार और सचिन गौतम, दोनों मोटरसाइकिल मैकेनिक घर लौट रहे थे और भाजपा के पदाधिकारी सुरेंद्र प्रमुख सहित लगभग 10 लोगों ने कथित तौर पर उन पर हमला किया. अछन के पिता विजेंद्र सिंह ने कहा कि हमले की योजना बनाई गई थी और पहले की एक घटना का भी बदला लिया गया था. जिसमें अछन के बेटे को पड़ोसी ने थप्पड़ मारा था, जो सुरेंद्र प्रमुख का पिता है. विजेंद्र सिंह ने खुलासा किया, “हमने बच्चे को थप्पड़ मारने पर आपत्ति जताई. बाद में शाम को अच्छन और सचिन को ईंटों और डंडों से मारा गया, जिससे सिर में गंभीर चोटें आईं.” पीड़ित परिवारों का दावा है कि अधिकारियों द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने में विफल रहने के कारण पुलिस को दी गई उनकी शुरुआती शिकायत को नज़रअंदाज़ कर दिया गया. शिकायत का विरोध करने के लिए लगभग 30-40 लोगों ने थाने के बाहर हंगामा किया जिसके बाद पुलिस ने आखिरकार सुरेंद्र प्रमुख और आठ अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा करने से संबंधित भारतीयदंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की. पुलिस ने तीन गिरफ्तारियां की हैं और आश्वासन दिया है कि जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां की जाएंगी. विजेंद्र सिंह ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गहरी चिंता जताते हुए कहा, ‘हम डर के साये में जी रहे हैं और अब अपना घर खाली करके कहीं और शिफ्ट होने को मजबूर हैं.’ अपनी विकट परिस्थितियों की ओर ध्यान आकर्षित करने के प्रयास में, दलित परिवारों ने चार घरों के बाहर हस्तलिखित पोस्टर लगाए हैं, जिसमें अधिकारियों से समर्थन और हस्तक्षेप की अपील की गई है.