उत्तराखंड के चंपावत जिले से जातिगत भेदभाव की एक भद्दी घटना सामने आई है जहां सवर्ण हिंदू छात्रों ने एक दलित महिला द्वारा तैयार किया गया मिड-डे मील का खाना खाने से इंकार कर दिया।
अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को हाल ही में चंपावत जिले के जौल गांव के एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए मिड-डे मील तैयार करने के लिए भोजमाता के रूप में नियुक्त किया गया था।
“उनकी नियुक्ति के पहले दिन, सभी सवर्ण छात्रों ने उनके द्वारा बना मिड-डे मील बिना किसी शिकायत के खाया, लेकिन अगले दिन से उन्होंने खाने का बहिष्कार करना शुरू कर दिया।”
सुखीढांग इंटर कॉलेज के प्रधान अध्यापक प्रेम सिंह ने कहा
सुखीढांग इंटर कॉलेज के प्राचार्य प्रेम सिंह ने आगे कहा “उन्होंने दोपहर का खाना बंद क्यों कर दिया, यह मेरी समझ से परे है। कुल 57 छात्रों में से आज केवल 16 अनुसूचित जाति के ही छात्रों ने यहां भोजन किया।”
बता दें की पूरे मामले मे अब अभिभावक संघ का आरोप है सुनीता देवी की नियुक्ति अवैध तरीके से की गई है, जबकि नियुक्ति एक सवर्ण भोजनमाता पुष्पा भट्ट की होनी थी।
वहीं हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्राचार्य सिंह का कहना है कि “उन्हें सभी सरकारी मानदंडों का पालन करते हुए नियुक्त किया गया था। हमें भोजनमाता के पद के लिए 11 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस महीने के पहले सप्ताह में हुई अभिभावक शिक्षक संघ और स्कूल प्रबंधन समिति की खुली बैठक में उनका चयन हुआ था।”