स्टोरी – रिंकू कुमारी
एडिट – साहिल वाल्मीकि
गुड़गांव में शेरसिंह वाल्मीकि की हत्या का मामला अब दिल्ली की सड़कों पर सुनाई देने लगा। हाल ही परिवार अनुसूचित जाति आयोग के सामने शेरसिंह वाल्मीकि की अस्थियों को लेकर न्याय की उम्मीद में बैठा था। वहीं जब पीड़ित परिवार अनुसूचित जाति आयोग के चेयरपर्सन विजय सांपला से उनकी शिकायत में एससी-एसटी एक्ट लगाने और आरोपियों को सजा देने के लिए मांग कर रहे थे तो इस दौरान पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की की वहीं इस पूरे मामले को देख रही ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य विकास कांगड़ा के साथ बदसलूकी की साथ ही उनको जबरदस्ती बस में भरकर थाने ले गई.
इस पूरे मामले को वीडियो विकास कांगड़ा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाला जिसमें उन्होंने कहा कि किस तरह से एक वाल्मीकि परिवार पिछले पांच महीने से न्याय के लिए भटक रहा है और पुलिस उनके साथ किस तरह का व्यवहार करती है.
क्या है पूरा मामला
अनु जिनका कहना है की उनके पति शेर सिंह वाल्मीकि की 10 अगस्त 2021, को गुड़गांव में एक कंपनी के मालिक ने दो लोगों (जिनकी पहचान अभी तक नहीं हुई है) के साथ मिलकर हत्या कर दी। परिवार की मानें तो हत्या का कारण उन्हें अभी तक नहीं पता चला, न ही उनके पति उस हालत में थे की वो कुछ बता पाते. उनके पति ने अपने अंतिम समय में केवल अपने मालिक हरदीप यादव का नाम लिया था जिनपर उनके कत्ल का इल्जाम है। अनु की बेटी का कहना है जब वह पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने गई तो पुलिसवालों ने केवल उसी को कमरे में रखा उनके साथ आए किसी भी शख्स को साथ रुकने नहीं दिया गया वहीं बेटी का कहना था कि कमरे में कोई महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी, साथ ही जब मुख्य आरोपी का नाम लिया गया तो पुलिस वालों ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया और कई बार एफआईआर की कॉपी फाडी गई।
एसआई दलबीर सिंह पर परिवार को धमकाने का आरोप
इस पूरे मामले में परिवार ने बताया कि एसआई दलबीर सिंह ने एफआईआर वापस लेने के लिए उन्हें धमकाया और गंदी-गंदी गालियां दी। परिवार का कहना है कि पुलिस वालों ने उनकी एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट के तहत नहीं लिखी थी। बीते शनिवार यानी 1 जनवरी 2022 को परिवार ने प्रदर्शन करने की ठानी और अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली में धरना देने पहुंचे। परिवार का कहना है कि पुलिस और प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा, उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिली। पीड़िता अनु को अपने बच्चों की जान की फिक्र है। इस कारण उन्होंने अपने बच्चों का स्कूल जाना भी बंद करा दिया है। परिवार की मांग है कि मुख्य आरोपी हरदीप यादव को गिरफ्तार किया जाए, और परिवार को पुलिस प्रोटेक्शन दी जाए। प्रदर्शन में आए उनके पड़ोसियों, रिश्तेदारों का मानना है कि शेर सिंह वाल्मीकि वेतन की मांग करने उस दिन पहुंचे थे जब उन पर अत्याचार हुए, उन्हें मारा-पीटा गया यहां तक कि उनके उंगलियों के नाखून तक उखाड़ दिए थे। बीते 5 महीनों से उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जिस कारण उन्हें अपने घर से दूर रहना पड़ रहा है।
“मोदी कहते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मेरे घर के इकलौते व्यक्ति जो काम करते थे उनकी मृत्यु हो जाती है उन्हें इंसाफ नहीं मिलता, उनके बच्चे आज घर से बेघर हो चुके हैं पढ़ाई से दूर हो चुके हैं क्या यह है उनके बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे और उसके वादे”
अनु, मृतक शेर सिंह वाल्मीकि की पत्नी
“मेरे पापा को मार दिया गया और मैं यहां पर उनके लिए इंसाफ की मांग कर रही हूं, अगर यूं ही लोगों को बेवजह मारा जाएगा, तो कैसे पढ़ेंगी बेटियां”
मृतक शेर सिंह वाल्मीकि की बेटी
पुलिस का क्या है कहना
प्रदर्शन में मौजूद पुलिस वालों की मानें तो परिवार यहां एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट लगाने की मांग लेकर अनुसूचित आयोग के चेयरपर्सन विजय सांपला से मिलने आए थे, कमिशन ने उनकी बात सुनी और उनकी फाइल आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। मामला गुड़गांव जगह पर होने के कारण पुलिस का मानना है कि यहां पर इस तरह कोविड में प्रदर्शन करना गलत है, पुलिस ने परिवार के साथ संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें इंसाफ मिले पर इस तरीके से वह अपने लिए और दिक्कतें बढ़ा रहे हैं।